भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2020 से BS6 के नए नियम को लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को लागू करने के लिए लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद यानी 14 अप्रैल से 10 दिन और बढ़ा दिया है। इस फैसले के तहत सभी निर्माताओं को अपने बचे हुए BS4 वाहनों में से 10 प्रतिशत तक की बिक्री करने की इजाज़त दी गई है। अब जब कुछ दिन ही रह गए हैं BS6 नियम लागू होने के लिए तो ऐसे में आइए जानते हैं इस नियम से जुड़ी पांच बातें:
न्यूनतम प्रदूषण
इस नए BS6 इमिशन नियम को लाने का मक़सद यही है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को घटाया जा सके। BS4 और BS6 का मुख्य अंतर भी यही है। वाहनों से निकलने वाले हानिकारक गैस, जैसे-कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रो कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा को कम कर प्रदूषण को निम्न किया जा सके।
दो पहिया वाहनों की क़ीमत में बढ़ोतरी
इस नियम के तहत सभी निर्माताओं को वाहनों के इंजन में कुछ नए बदलाव करने पड़े हैं, जिसकी वजह से वाहनों की क़ीमत में इज़ाफ़ा हुआ है। अगर BS4 वाहन में पहले से ही फ़्यूल-इंजेक्टेड इंजन है, तो इसकी क़ीमत कार्बोरेटेड इंजन के मुक़ाबले कम बढ़ेगी। BS6 के कारण बहुत से नए अपडेट किए गए हैं, जिसमें कैटलिटिक कन्वर्टर जो हानिकारक गैस को वातावरण के अनुरूप बदलता है और दूसरा इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट(ECU) शामिल हैं। बात करें कार्बोरेटर इंजन वाले बजाज पल्सर 150 और रॉयल एनफ़ील्ड 350 की तो इनकी क़ीमत में 7,000-10,000 तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं फ़्यूल-इंजेक्टेड इंजन वाले बजाज डॉमिनर 400 की क़ीमत में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ा है।
परफ़ॉर्मेंस को करेगा प्रभावित
BS6 नियम से आए कुछ नए बदलाव जैसे फ़्यूल-इंजेक्टेड इंजन और कैटलिटिक कन्वर्टर के कारण वाहनों की परफ़ॉर्मेंस में थोड़ी कमी आएगी। इन बदलावों से दो पहिया वाहनों के वज़न पहले से अधिक हो जाएंगे, जिससे गाड़ी की रफ़्तार में भी कमी आएगी। उदाहरण के लिए BS6 यामाहा R15 V3 को ही ले लें, तो यह अब 18.3bhp का पावर और 14.1Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है, पहले यही 19bhp का पावर और 14.7Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता था। इसे देखते हुए बहुत से निर्माता इंजन के पावर में किसी भी प्रकार का बदलाव ना आने पाए इस पर काम कर रहे हैं। बात करें हौंडा की तो इसने अपने यूनिकॉर्न की क्षमता को 150cc से बढ़ाकर 160cc कर दिया है, ताकि इंजन का पावर पहले की तरह ही बना रहे।
मिलेंगे कई नए फ़ीचर्स
BS6 नियम की वजह से जहां वाहनों की क़ीमत में बढ़ोतरी हुई है, वहीं इसकी वजह से गाड़ी में किए गए बदलाव से कई नए फ़ीचर्स भी देखने को मिलेंगे। एलईडी लाइटिंग, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, इंजन किल स्विच, सायलेंट स्टार्टर आदि फ़ीचर्स को जोड़कर कई बाइक्स के लुक को भी पहले से बेहतर बनाया गया है।
BS6 फ़्यूल से ही चलेंगे वाहन
BS6 नियम वाले वाहन केवल BS6 फ़्यूल से ही चलेंगे और यह 1 अप्रैल 2020 से लगभग हर पेट्रोल पम्प पर उपलब्ध होगा। लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस फ़्यूल की उपलब्धता हर जगह नहीं हो पाई है। BS6 फ़्यूल के अंदर BS4 के मुक़ाबले सल्फ़र गैस कम होता है, जिससे प्रदूषण को घटाने में मदद मिलती है।BS4 वाहन BS6 फ़्यूल से चलाए जा सकते हैं, लेकिन BS6 वाहन को आप BS4 फ़्यूल से नहीं चला सकते। ऐसा करने पर संभवत: BS6 मॉडल के माइलेज और परफ़ॉर्मेंस में अंतर आ सकता है। ग़ौरतलब है, कि BS6 पेट्रोल मौजूदा फ़्यूल से ज़्यादा साफ़ है, इसलिए इसे तैयार करने में लागत भी ज़्यादा लगती है। इसी बात को देखते हुए बहुत संभव है, कि भविष्य में BS6 फ़्यूल की क़ीमत BS4 फ़्यूल से ज़्यादा रखी जाए।