परिचय
रॉयल एनफ़ील्ड बुलेट दुनिया की सबसे पुरानी प्रोडक्शन मोटरसाइकल है, जो इसके लुक में भी साफ़ झलकता है। इसका मज़बूत आकार, विंटेज लुक आज के ज़माने के लोगों को भी पसंद आ रहा है। यही वजह है, कि साल 1955 में जो बाइक भारतीय सेना और पुलिस द्वारा अपनाई गई थी, अब आम जनता के गराज में भी अपनी जगह बना चुकी है।
ब्रैंड ने बुलेट में अपडेट्स करते हुए नए-जनरेशन बुलेट को लॉन्च किया है, जो परंपरा को कायम रखते हुए बेहतर राइड देती है। नए बदलाव होने के बावजूद, क्या यह पहले जितनी ही रोमांचक है? इस बात का जवाब हमने नीचे दिया है।
पहले से कितना अलग है इसका लुक?
रॉयल एनफ़ील्ड ने नई बुलेट के लुक में ज़्यादा बदलाव नहीं किए हैं और इसका लुक पहले की तरह ही रेट्रो है। इसका लुक क्लासिक से मिलता-जुलता है, लेकिन इसमें फ़्यूल टैंक व साइड पैनल्स पर गोल्डन पिनस्ट्राइप्स, पीछे चौकोर फ़ेंडर और रिब्ड पैटर्न के साथ सिंगल-पीस सीट है। इसे लम्बा और ज़्यादा दमदार लुक देने के लिए कंपनी पहले की तरह बॉक्सी टेल लैम्प और पीछे मुड़ा हुआ फ़ेंडर दे सकती थी।
अपडेटेड बुलेट का इंजन और फ़ीचर्स
अपडेटेड बुलेट में नई क्लासिक 350 की तरह ही इंजन है, सिर्फ़ इसके हैंडलबार, सीट और डिज़ाइन में कुछ बदलाव हैं। इसका ग्राउंड क्लियररेंस और सीट की ऊंचाई भी क्लासिक 350 जैसा ही है।
इस बाइक में 359cc एयर/ऑइल-कूल्ड इंजन है, जो 20.2bhp का पावर और 27Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें पांच-स्पीड गियरबॉक्स को जोड़ा गया है। इसमें सिंगल डाउनट्यूब फ्रेम को हटा कर ट्विन डाउनट्यूब शैसी को शामिल किया गया है। इसमें 41mm टेलिस्कोपिक फ़ॉर्क्स हैं, जो 130mm तक ट्रैववल कर सकते हैं। साथ ही इसमें 19-18-इंच स्पोक वील्स हैं।
इसकी सीट पहले से ज़्यादा आरामदायक है। साथ ही इसमें यूएसबी चार्जिंग पोर्ट, हज़ार्ड लाइट्स, और सेमी-डिजिटल कंसोल जैसे नए फ़ीचर्स हैं।
राइड का अनुभव
यह बाइक पांचवे गियर में 50 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पर आराम से चलाई जा सकती है। इसके इंजन का लो और मिड-रेंज टॉर्क काफ़ी अच्छा है। अगर आप पांचवे गियर में कम स्पीड पर भी हैं, तो आप थ्रॉटल देकर आराम से ओवरटेक कर सकते हैं। लेकिन इसका क्लच टाइट है, जो ट्रैफ़िक में मुश्क़िल दे सकता है।
हाइवे पर 80-100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पर चलाने में इसका इंजन कांपता नहीं है। आप इसे एक गियर नीचे कर के आराम से ओवरटेक कर सकते हैं। साथ ही एग्ज़ॉस्ट का आवाज़ पहले से ज़्यादा गहरा और दमदार है।
इसके अलावा नई बुलेट किसी भी स्पीड पर छोटे-मोटे गड्ढों से आसानी से निकल जाती है। इसके बड़े 19-18-इंच वील्स इसमें मदद करते हैं। वहीं बड़े गड्ढों में थोड़े बहुत झटके महसूस होते हैं। इसकी सीट काफ़ी आरामदयाक है, जिसमें पीछे एक लंबा-चौड़ा यात्री आराम से बैठ सकता है।
बाइक की दिशा बदलने के लिए हैंडलबार पर थोड़ा ज़ोर लगाना पड़ता है। लेकिन लीन करने पर यह काम आसान हो जाता है। बाइक का वज़न 195 किलो होने के बावजूद इसके ब्रेक्स काफ़ी बेहतरीन तरीक़े से काम करते हैं। हालांकि, पीछे का ब्रेक और तेज़ हो सकती था।
निष्कर्ष
नई बुलेट 350 पुराने मॉडल्स से बिल्कुल भी पीछे नहीं है। इसका मज़बूत इंजन, फैली हुई राइडिंग पोज़िशन और डिज़ाइन इसकी ख़ासियत है। यहां तक, कि इस मॉडल में पहले से बेहतर, इंजन, ऐक्सिलरेशन, ब्रेक्स, राइड क्वॉलिटी और फ़ीचर्स हैं।
हमारे अनुसार, कम क़ीमत पर क्लासिक 350 की जगह पर बुलेट 350 को ख़रीदना बेहतर होगा। क्योंकि बुलेट 350 का एंट्री लेवल वेरीएंट क्लासिक 350 से सस्ता है।
तस्वीरें: कौस्तुभ गांधी
अनुवाद: विनय वाधवानी